GST on Online Gaming: Luck और Skill के आधार पर लगेगा टैक्स? ऑनलाइन गेमिंग पर ये फैसला ले सकती है सरकार
GST on Online Gaming: ऑनलाइन गेमिंग, लॉटरी, कसीनो जैसे आय के स्रोतों पर टैक्सेशन का आखिरी फैसला अभी लिया जाना है. लेकिन उसके पहले जानकारी आ रही है कि सरकार लक और स्किल के आधार पर ऑनलाइन गेमिंग को कैटेगरी में बांटने पर फैसला ले सकती है.
GST on Online Gaming: ऑनलाइन गेमिंग पर जीएसटी यानी गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स लगाने को लेकर काफी लंबे वक्त से चर्चा चल रही है. हालांकि, अभी तक कोई आखिरी फैसला नहीं हो सका है. ऑनलाइन गेमिंग, लॉटरी, कसीनो जैसे आय के स्रोतों पर टैक्सेशन का आखिरी फैसला अभी लिया जाना है. लेकिन उसके पहले जानकारी आ रही है कि सरकार लक और स्किल के आधार पर ऑनलाइन गेमिंग को कैटेगरी में बांटने पर फैसला ले सकती है.
ऑनलाइन गेमिंग का हो सकता है कैटेगराइजेशन
दरअसल, एक अधिकारी ने यह जानकारी दी है कि वित्त मंत्रालय ऑनलाइन गेमिंग को कौशल और किस्मत के खेल की श्रेणियों में बांटने और अलग-अलग दर से जीएसटी लगाने पर विचार कर रहा है. ऐसे ऑनलाइन गेम जहां जीत-हार का फैसला किसी निश्चित परिणाम पर निर्भर है या उसकी प्रकृति सट्टेबाजी या जुए की है, वहां 28 प्रतिशत की दर से जीएसटी लगेगा. कौशल वाले ऑनलाइन गेम पर 18 प्रतिशत से कम कर लगाया जा सकता है. ऑनलाइन गेमिंग पर टैक्सेशन के बारे में अंतिम फैसला जीएसटी परिषद मई या जून में होने वाली अपनी अगली बैठक में करेगी.
अभी 18 फीसदी लगता है जीएसटी
अधिकारी ने बताया कि ‘‘सभी ऑनलाइन गेम किस्मत पर आधारित नहीं हैं, या सट्टेबाजी या जुए की प्रकृति के नहीं हैं. वित्त मंत्रालय परिषद के समक्ष अपनी राय रखेगा.’’ उन्होंने कहा कि कौशल आधारित और किस्मत पर आधारित खेल के बीच अंतर करना होगा. इस समय ऑनलाइन गेमिंग पर 18 प्रतिशत जीएसटी लगता है. टैक्स ऑनलाइन गेमिंग पोर्टल से लिए जाने वाले कुल शुल्क पर लगाया जाता है. मेघालय के मुख्यमंत्री कोनराड संगमा की अध्यक्षता वाले मंत्रियों के समूह ने पिछले साल दिसंबर में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को ऑनलाइन गेमिंग पर जीएसटी को लेकर एक रिपोर्ट सौंपी थी. हालांकि, इस बारे में अंतिम फैसला जीएसटी परिषद को लेना है.
गेमिंग की परिभाषा पर पहले भी हुई है अपील
TRENDING NOW
भारी गिरावट में बेच दें ये 2 शेयर और 4 शेयर कर लें पोर्टफोलियो में शामिल! एक्सपर्ट ने बताई कमाई की स्ट्रैटेजी
EMI का बोझ से मिलेगा मिडिल क्लास को छुटकारा? वित्त मंत्री के बयान से मिला Repo Rate घटने का इशारा, रियल एस्टेट सेक्टर भी खुश
मजबूती तो छोड़ो ये कार किसी लिहाज से भी नहीं है Safe! बड़ों से लेकर बच्चे तक नहीं है सुरक्षित, मिली 0 रेटिंग
Adani Group की रेटिंग पर Moody's का बड़ा बयान; US कोर्ट के फैसले के बाद पड़ेगा निगेटिव असर, क्या करें निवेशक?
टूटते बाजार में Navratna PSU के लिए आई गुड न्यूज, ₹202 करोड़ का मिला ऑर्डर, सालभर में दिया 96% रिटर्न
उद्योग जगत भी गेमिंग की परिभाषा को लेकर सरकार से स्पष्टीकरण करने को कह चुका है. इंटरनेट एंड मोबाइल एसोसिएशन ऑफ इंडिया (आईएएमएआई) ने फरवरी में कहा था कि ऑनलाइन गेमिंग पर आईटी नियमों के ड्राफ्ट का मकसद सही है, लेकिन इसके कुछ पहलुओं पर फिर से गौर किये जाने की जरूरत है. उद्योग संगठन ने कहा कि प्रस्तावित नियम उद्योग के व्यवस्थित और तेजी से विकास को लेकर एक कानूनी ढांचा बनाने समेत तीन कारणों से ऑनलाइन गेमिंग उद्योग परिवेश के लिये काफी सकारात्मक हैं. लेकिन इसके कुछ पहलुओं पर फिर से गौर करने की जरूरत है. आईएएमएआई ने कहा, ‘‘वास्तव में, ऑनलाइन गेमिंग की परिभाषा बहुत व्यापक और अस्पष्ट है. इससे वैसी कंपनियां भी इसके दायरे में आ जाएंगी, जिन्हें नियमों के दायरे में लाने की जरूरत नहीं है या फिर हल्के कायदे-कानून की आवश्यकता है. इससे उनपर अनुपालन बोझ भी पड़ेगा."
Zee Business Hindi Live TV यहां देखें
04:57 PM IST